*सब मिल जाए तो तमन्ना किसकी करोगे साहिब*.... *अधूरी ख्वाहिशें ही तो जीने का मजा देती हैं* ....!!
क्यूँ माँग रहे हो किसी बारिश की दुआएँ तुम अपने शिकस्ता दर-ओ-दीवार तो देखो