ghalib shayari
Sunday, June 28, 2015
नींद आए या ना आए
नींद
आए
या
ना
आए
,
चिराग
बुझा
दिया
करो
,
यूँ
रात
भर
किसी
का
जलना
,
हमसे
देखा
नहीं
जाता
.
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