Wednesday, August 28, 2019

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये, और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहोत थी !

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये,
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहोत थी !
~परवीन शाकिर

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